आज के हमारे इस ब्लॉग में हम जानेगे के SIP (Systematic Investment Plan) क्या है और कैसे काम करता है।
साथ ही साथ हम नीचे दिए गए विषय पर बात करेंगे।
- What is SIP?
- How to invest in SIP?
- Top 5 best SIP?
- How to make money using SIP?
- Best SIP to invest in 2022 for 1 year, 5years, Long term
- How does SIP work?
- Best SIP in India
हम एक एक करके इन सभी पर बात करेंगे।
तो सबसे पहले पहले हम जानते है।
एक व्यवस्थित निवेश योजना (एसआईपी) व्यक्तियों के लिए अनुशासित और व्यवस्थित तरीके से अपने पैसे का निवेश करने का एक लोकप्रिय तरीका है। एसआईपी में नियमित अंतराल पर, आमतौर पर मासिक आधार पर, म्यूचुअल फंड या अन्य निवेश वाहन में एक निश्चित राशि का निवेश करना शामिल है। यह निवेश रणनीति लोगों के लिए निवेश शुरू करने का एक शानदार तरीका है, क्योंकि यह बड़ी एकमुश्त राशि के बजाय छोटे, नियमित योगदान की अनुमति देता है, जिससे यह कई लोगों के लिए अधिक सुलभ और प्रबंधनीय हो जाता है।
एसआईपी के प्रमुख लाभों में से एक यह है कि वे स्वत:, नियमित योगदान की अनुमति देते हैं, जो व्यक्तियों को बचत योजना से जुड़े रहने और अपने निवेश लक्ष्यों तक पहुंचने में मदद कर सकता है। उदाहरण के लिए, यदि कोई व्यक्ति प्रति माह $100 का निवेश करना चाहता है, तो वे प्रत्येक माह अपने बैंक खाते से कटौती के लिए उस राशि का स्वत: योगदान कर सकते हैं। यह व्यक्तियों को हर महीने योगदान करने के लिए याद रखने की आवश्यकता को समाप्त करता है, और बचत की आदत बनाना आसान बनाता है।
एसआईपी का एक अन्य लाभ यह है कि वे निवेशकों को चक्रवृद्धि की शक्ति का लाभ उठाने की अनुमति देते हैं। कंपाउंडिंग ब्याज पर ब्याज अर्जित करने की प्रक्रिया है, और समय के साथ निवेश पर इसका महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है। नियमित योगदान के साथ, निवेश समय के साथ बढ़ता है, और निवेश पर अर्जित ब्याज का पुनर्निवेश किया जाता है, जिससे और भी अधिक वृद्धि होती है। इससे लंबी अवधि में पर्याप्त रिटर्न मिल सकता है, जिससे यह सेवानिवृत्ति योजना जैसे दीर्घकालिक वित्तीय लक्ष्यों के लिए एक आदर्श निवेश रणनीति बन जाती है।
एसआईपी बाजार में उतार-चढ़ाव के प्रभाव को कम करने में भी मदद करता है। जब कोई व्यक्ति एकमुश्त निवेश करता है, तो उसके निवेश का मूल्य बाजार के उतार-चढ़ाव से काफी प्रभावित हो सकता है। हालांकि, एसआईपी के साथ, निवेशक समय के साथ लागत को औसत करके अलग-अलग कीमतों पर म्यूचुअल फंड की इकाइयां खरीदते हैं। इसका मतलब यह है कि भले ही बाजार में गिरावट का अनुभव हो, निवेशक पर उतना प्रभाव नहीं पड़ेगा जितना कि अगर उन्होंने एकमुश्त निवेश किया होता।
इसके अतिरिक्त, एसआईपी निवेशकों को उनके योगदान की आवृत्ति चुनने की क्षमता प्रदान करते हैं, चाहे वह साप्ताहिक, मासिक या त्रैमासिक हो। यह लचीलापन निवेशकों के लिए अपने बजट और जीवन शैली में फिट होने के लिए अपने योगदान को समायोजित करना आसान बनाता है। उदाहरण के लिए, यदि किसी व्यक्ति के पास एक महीने का तंग बजट है और वह योगदान करने में असमर्थ है, तो वे उस महीने को छोड़ सकते हैं और अगले महीने को फिर से शुरू कर सकते हैं। यह लचीलापन व्यक्तियों के लिए कठिन वित्तीय समय के दौरान भी अपनी निवेश योजना से चिपके रहना आसान बनाता है।
SIP शुरू करने के लिए, एक व्यक्ति को पहले एक म्यूचुअल फंड कंपनी या एक वित्तीय सलाहकार के साथ एक खाता खोलना होगा। एक बार खाता खुल जाने के बाद, निवेशक म्यूचुअल फंड चुन सकता है और अपनी पसंद की आवृत्ति पर स्वत: योगदान कर सकता है। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि एसआईपी आमतौर पर लंबी अवधि के निवेश के लिए उपयुक्त होते हैं न कि अल्पकालिक वित्तीय लक्ष्यों के लिए।
अंत में, एसआईपी व्यक्तियों के लिए निवेश शुरू करने और अपने दीर्घकालिक वित्तीय लक्ष्यों तक पहुंचने का एक शानदार तरीका है। नियमित, स्वचालित योगदान व्यक्तियों के लिए बचत योजना से जुड़े रहना आसान बनाता है, और चक्रवृद्धि की शक्ति से समय के साथ पर्याप्त रिटर्न मिल सकता है। इसके अतिरिक्त, एसआईपी बाजार की अस्थिरता के प्रभाव को कम करने में मदद करते हैं, और योगदान आवृत्ति के मामले में लचीलेपन से व्यक्तियों के लिए अपने बजट और जीवन शैली को फिट करने के लिए अपने योगदान को समायोजित करना आसान हो जाता है।
SIP (Systematic Investment Plan) क्या है?
SIP का मतलब होता है Systematic Investment Plan लेकिन ये ज़्यादा तर SIP नाम से जाना जाता है।
ये एक तरह की फैसिलिटी है जिसमे आप mutual funds में एक पहले से तय किये गए plan के हिसाब से एक तय की गयी रकम को हर हफ्ते, हर महीने, या हर चार महीनो में एक बार निवेश करते है।
तय की गयी रकम कम से कम 500 Rs हो सकती है।
अगर आप SIP के ज़रिये समय समय पर मार्किट में निवेश करते है तो आपको मार्किट में चलरहे उतार चढ़ाओ की फ़िक्र करने की कोई ज़रुरत नहीं है।
क्यों की SIP आपको long term में फायदा देता है क्यों की आपके shares की कीमत average costing पर होती है।
साथ ही साथ आपको compounding का भी लाभ मिलता है।
SIP के फायदे।
Power of Compounding
जब आप SIP के ज़रिये regularly इन्वेस्ट करते है long term के लिए तो आपको मिलने वाले लाभ compounding की वजह बढ़ जाते है।
Compounding आपको इस बात की गारंटी देता है की आपको न सिर्फ आपके निवेश की रकम पर लाभ मिलेगा बल्कि आपको जो आपके निवेश की गयी रकम है उस पर मिलने वाले gains पर भी लाभ मिलेगा।
मतलब आपकी निवेश की गयी रकम वक़्त के साथ साथ बढ़ती जाएगी।
आपकी निवेश की गयी रकम पर तो आपको इंटरेस्ट मिलेगा ही पर आपको मिलने वाले इंटरेस्ट पर भी आपको इंटरेस्ट मिलेगा।
Rupee-Cost Averaging
Volatile market में SIP सब से अच्छे तरीके से काम करता है।
चलिए इस बात को ऐसे समझ लेते है की आपने TATAMOTORS के 5 शेयर्स खरीदे थे 600 के कीमत पर।
लेकिन अगले महीने TATAMOTORS के शेयर की कीमत काम होगई और अब उसके एक शेयर की कीमत सिर्फ 580 रूपये है।
तो आपने यहाँ फिर से TATAMOTORS के 5 शेयर्स खरीद लिए 580 की कीमत पर।
तो अभी आपका average cost जो आपने TATAMOTORS के शेयर्स खरीदने के लिए लगाया है वो 590 रुपए होगा।
कुल 10 शेयर्स के लिए।
अब मान लीजिये के भविष्य में TATAMOTORS के शेयर की कीमत बढ़ कर 650 रुपए होजाती है।
तब आपके पास TATAMOTORS के कुल 10 शेयर्स होंगे जिनकी Average cost आपके लिए लिए 590 रुपए है।
इस हिसाब से आपको हर शेयर पर कुल 60 रुपए का फायदा होगा।
मतलब 10 शेयर्स पर कुल 600 रुपए का फायदा।
यानी आपकी निवेश की गयी कुल रकम 5900 पर आपको 600 रुपए का फायदा होगा।
ये ही फायदा होता है SIP करने का आपको मार्किट में क्या चलरहा है इस बात से परेशान होने की ज़रुरत नहीं होती।
आपका निवेश Rupee cost Averaging पर होता है।